रेड पैरेट मछली (Red Parrot)- देखभाल ,आकार, जीवनकाल, टैंक
रेड पैरेट मछली या ब्लड पैरेट मछली (blood-red parrot cichlid) एक हाइब्रिड मछली है जिसे कुछ उत्तरी अमेरिका के भिन्न सिक्लिड प्रजातियों को जोड़कर ताइवान में विकसित किया गया है। इसकी बीज प्रजाति के बारे में कई अलग अलग कहानी लोग बताते हैं लेकिन वस्तुतः यह मछली इन प्रजातियों से बनायीं हुई होती हैं। वह प्रजातियां हैं मिडास सिक्लिड, रेडहेड सिक्लिड, हेरोस सेवेरम और रेड डेविल सिक्लिड ।
यह एक विवादास्पद प्रजाति होने के बावजूद, अपने शांतिपूर्ण स्वभाव, किसी भी एक्वेरियम में अच्छे से रह जाने की इनकी क्षमता और इनकी बनावट जिसमे इनका छोटा सा गोल मुँह और गले में दांत होना इन्हे सबसे अलग एक्वेरियम की मछली बनाता है।
इस पेज को पढ़ने के बाद आप रेड या ब्लड पैरेट मछली से जुड़े काफी सारे तथ्य और देखभाल की विधि जान पाएंगे।
रेड पैरेट मछली (Red Parrot Fish) के कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
वैज्ञानिक नाम | एम्फीलोफस सिट्रीनेल्लस x हेरोस सेवेरस |
कहाँ पायी जाती है | ताइवान में विकसित |
आकार | तकरीबन 8 इंच तक |
कुल सामान्य उम्र | 10- 15 साल |
रंग | नारंगी , पीला, और अन्य रंग |
स्वभाव | शांत, कभी कभी आक्रामक |
तापमान | 24 से 26 डिग्री सेल्सियस |
पी एच | 6.5 से 7.4 |
देखभाल का स्तर | मध्यम स्तर का |
आहार | शाकाहारी एवं मांसाहारी |
रेड पैरेट मछली मूल कहाँ से आयी है
यह जानकर आपको अचम्भा होगा की ये लाल रंग की गोल गोल रेड पैरेट मछली प्राकृतिक वातावरण में कहीं भी नहीं पायी जाती हैं। क्योंकि इन्हे 1980 के दशक में ताइवान में कुछ सिक्लिड मछलियों की प्रजातियों को मिलकर बनाया गया था। इन प्रजातियों में मिडास सिक्लिड, रेडहेड सिक्लिड, हेरोस सेवेरम और रेड डेविल सिक्लिड शामिल है। रेड पैरेट एक हाइब्रिड किस्म की मछलियां होती हैं। इसी वजह से यह प्रजाति विवादों में भी रहती है। इन मछलियों को कई रंगो में ब्रीडर्स द्वारा बनाया जाता है जैसे की पिली, गुलाबी, नारंगी इत्यादि।
रेड पैरेट मछली का औसतन आकार और जीवनकाल
इनकी चौड़ी नाक और छोटे गोल सर होते हैं। इनकी आंखे बड़ी बड़ी और चमकीले रंग की होती है। इनका मुँह देखने पर ऐसा प्रतीत होता है की हर वक़्त खुला हो। इस तरीके का मुँह का आकार होने की वजह से यह मछली दूसरी मछलियों पर वार करके हमला नहीं कर पाती हैं। इनके पंख इनके शरीर के चारो ओर होते हैं जो इन्हे देखने में काफी खूबसूरत बनाते हैं।
यह बचपन में काफी चुलबुली होती हैं और इनका आकार छोटा होता है। व्यस्क रेड पैरेट मछली अधिकतम 8 इंच तक की पायी गयी है।
एक स्वस्थ रेड पैरेट मछली का औसतन जीवनकाल, 10 से 15 वर्ष तक का होता है। इनका जीवनकाल भरसक निर्भर करता है की आपने इसे कैसे रखा है। इनकी देखभाल अगर बढ़िया है तो इनकी उम्र अधिक रहेगी और अगर देखभाल बढ़िया नहीं है तो कम उम्र में भी मछली को बिमारियों का सामना करना पड़ सकता है जिससे की उनकी उम्र काम भी हो सकती है।
आप इसे खरीदते वक़्त इस चीज़ का भी ध्यान रखें की इन मछलियों को सिर्फ प्रतिष्ठित विक्रेताओं या ब्रीडरों से ही ले, चूँकि ये मछलिया हाइब्रिड होती हैं इसलिए।
रेड पैरेट मछली दिखने में कैसी होती है
ब्लड पैरट या रेड पैरेट मछली एक तकरीबन गोल आकार की अनोखी सी दिखने वाली मछली है। इनका लाल रंग और गोल शरीर, एक्वेरियम में काफी दिलचस्प दिखता है। इनका मुँह ऊपर की ओर खुलता है। इनके मुँह के आकार को तोते के मुँह से तुलना की जाती है, इसलिए इनका नाम रेड पैरेट (लाल तोता) पड़ा।
इनके पंख इनके शरीर के चारो ओर होते हैं जो इन्हे देखने में काफी खूबसूरत बनाते हैं।
इनके मुँह के आकार की वजह से इन्हे कुछ खामियां भी झेलनी पड़ती हैं। इनके दांत इनके गले में होता है जिससे की ये खाने को चबाने में अंततः सफल रहती हैं।
यह आमतौर पर चमकीले नारंगी रंग की होती हैं, हालांकि यह लाल, पीली या ग्रे रंगो में भी आती हैं। अनैतिक ब्रीडर्स, इस मछली के अन्य रंग और टैटू रंग भी बनाते हैं जिसको लेने से आपको बचना चाहिए।
रेड पैरेट मछली का स्वभाव
रेड पैरेट मछलियों को शांत और आक्रामक स्वाभाव के बीच में माना जाता है। यह मछली अपना आक्रामक स्वभाव प्रदर्शित कर सकती है। हालांकि, ज्यादातर ऐसा तब होता है जब यह मछली दूसरी आक्रामक मछलियों के आसपास होती है।
अगर इनके एक्वेरियम में काफी साड़ी मछलियां हो तब ये मछली अपनी जगह को लेकर आक्रामक हो सकती है। परन्तु, अगर आप रेड पैरेट मछली को अच्छे एक्वेरियम वातावरण में रखेंगे तो ये शांति से अपना जीवन व्यतीत करेगी।
इन मछलियों को अपना एकांत पसंद होता है, इसलिए यह छुप कर रहना भी पसंद करती हैं। इसके लिए यह सुनिश्चित करें की आपके टैंक में छुपने की पर्याप्त व्यवस्था हो। इन मछलियों को खाने की खोज में एक्वेरियम के निचे फैले हुए सब्सट्रेट को भी उखाडते हटाते देखा गया है।
रेड पैरेट मछली की देखभाल
एक्वेरियम कैसा होना चाहिए
रेड पैरेट मछलियों का एक्वेरियम बड़ा और ऐसा होना चाहिए जिसमे की ये अपनी जगह स्थापित कर सकें। इनके एक्वेरियम में आप ज़्यादा मछलियों की भीड़ न लगाएं। एक्वेरियम में पर्याप्त छुपने की जगह भी होनी चाहिए। ये मछलियां टैंक के सब्सट्रेट के साथ खेलती हैं, इसलिए इसका ध्यान ज़रूर दें की कोई भी सब्सट्रेट नुकीला या खुरदुरा न हो जिससे की मछली को चोट आये।
पानी का तापमान
रेड पैरेट मछलियां, पानी के तापमान को लेकर बाकि सभी मछलियों की तरह ही सेंसिटिव होती हैं। इसलिए इस चीज़ को सुनिश्चित करें की पानी का तापमान हर समय और मौसम में समान हो। अगर पानी के तापमान में निरंतर बदलाव होगा तो यह मछली के लिए घातक हो सकता है। ठण्ड के मौसम में एक्वेरियम में हीटर का प्रयोग अवश्य करें। इनके लिए पानी का तापमान 24 डिग्री सेल्सियस से 26 डिग्री सेल्सियस तक होना अति उत्तम है।
पानी की गुणवत्ता
एक्वेरियम के पानी को साफ़ एवं स्वच्छ अवश्य रखें। इससे आपकी मछलियां हमेशा प्रसन्न रहेंगी। हर हफ्ते 20 से 25 प्रतिशत तक एक्वेरियम के पानी को निकालकर नया साफ़ पानी भरें। अगर एक्वेरियम में एक दो मछली ही हो तो आप इस प्रक्रिया को पंद्रह दिनों में एक बार भी कर सकते हैं।
रेड पैरेट मछली का आहार एवं भोजन
रेड पैरेट मछली कई प्रकार के खाने को खाती हैं जिनमें फ्लेक, जीवित, जमे हुए और फ्रीज-ड्राइड खाद्य पदार्थ शामिल हैं। तैरने वाले खाने की तुलना में पानी में डूब जाने वाले खाद्य पदार्थ उनके लिए खाने में आसान होते हैं। ब्लडवर्म और लाइव ब्राइन झींगा को यह मछलियां खूब खाना पसंद करती हैं। बीटा कैरटिन और कैंथैक्सैन्थिन वाले उच्च खाद्य पदार्थ अगर इन्हे दिए जाएँ तो इनका रंग भी उभर कर आता है।
यह मछलियां, बाजार में उपलब्ध शाकाहारी और मांसाहारी दोनों प्रकार के खाने को खा सकती हैं। एक उच्च प्रोटीन स्रोत के लिए, आप इन्हे ब्रीन श्रिम्प और ब्लडवर्म एक हफ्ते में दो तीन बार दे सकते हैं।
भोजन को दिन में दो बार से अधिक न दें। अगर मछली ने कुछ भोजन छोड़ दिया है तो उसको ५ मिनट के बाद एक्वेरियम से हटा लें, नहीं तो यह भोजन लम्बे समय से एक्वेरियम में रहकर सड़ जायेंगे जिससे पानी की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है।
रेड पैरेट मछली किन मछलियों के साथ टैंक में रह सकती हैं
रेड पैरेट मछलियों को आक्रामक मछलियों के साथ नहीं रखें। रेड पैरेट के मुँह के आकार की वजह से इन्हे आक्रामक मछलियों के साथ मुख्यतः दो तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। पहला ये की जब भी एक्वेरियम में खाना डाला जायेगा तब दूसरी आक्रामक मछलियां सारे खाने को इनसे पहले ही खा जाएँगी। और दूसरी समस्या यह है की रेड पैरेट अपने मुँह से आक्रामक मछलियों से लड़ नहीं पाएंगी, और आक्रामक मछलियां इन्हे ज़्यादा नुक्सान पहुंचा देंगी।
रेड पैरेट के साथ एक्वेरियम में सबसे सही है की दूसरी रेड पैरेट मछलियां ही डाली जाये। यह मछली समूहों में बहुत अच्छा अनुभव करते हैं और देखने में एक जैसे अति सुन्दर लगते हैं। इन्हे समूह में रखने से मछलियां तनावमुक्त और अधिक स्फूर्तिवान रहती हैं।
हालाँकि दूसरी समान आकार की शांतिप्रिय मछलियों के साथ आप रेड पैरेट मछली को रख सकते हैं। कुछ मछलियों की प्रजाति जो रेड पैरेट के साथ रखी जा सकती हैं, वह इस प्रकार है:
- एम्परर टेट्रा
- योयो लोच
- हनी गौरामी
- सिल्वर डॉलर
- फायर माउथ सिक्लिड
- प्लेकोस
- टाइगर बार्ब
- क्रिबएंसिस सिक्लिड
- बाला शार्क
- ड्वार्फ गौरामी
रेड पैरेट को होने वाली बीमारियां और समाधान
रेड पैरेट मछलियों को वो सभी प्रकार की बीमारियां हो सकती हैं जो फ्रेश वाटर में रहने वाली मछलियों को होती है। अधिकतम बीमारियां पानी की गुणवत्ता नहीं बनाने के कारण होती हैं। हालाँकि, बीमारी होने की कई वजह भी होती है।
आमतौर पर रेड पैरेट मछली को इन बिमारियों का सामना करना पड़ सकता है :
- रंग का फीका पड़ जाना
- आँखों के चारो ओर धुंध सा दिखना
- सूजा हुआ शरीर
- सामान्य से भिन्न तैरना
- ज़्यादा बलगम का निकलना
- एक्वेरियम के सामान के आगे अपने शरीर को अत्यधिक रगड़ना
- भूख का न लगना
- एक्वेरियम में कोने में काफी देर तक बैठे रहना
अन्य मुख्य बीमारी जो रेड पैरेट को होती है वह है: इच या खुजली, स्विम ब्लैडर में दिक्कत होना और स्ट्रेस स्पॉट्स. कुछ काफी काम केसेस में होने वाली बीमारी जो काफी काम इनमे देखहि जाती है वो है स्किन फ्लुक्स , प्रोटोज़ोआ , वर्म , फंगल इन्फेक्शन , जीवाणु इन्फेक्शन.
इच– इच एक पैरासाइट का इन्फेक्शन है जो कि फ़ैलने वाली बीमारी है और आमतौर पर खराब पानी में रहने वाली मछलियों को प्रभावित करती है। इससे मछली के पूरे शरीर पर छोटे-छोटे सफेद दाग धब्बे बन जाते हैं। यह धब्बे मछली की त्वचा पर और गिल्स पर दिखाई देते हैं। इच से ग्रसित मछली को क्वारंटाइन टैंक में स्थानांतरित कर दे अन्यथा यह बीमारी सारे एक्वेरियम में फ़ैल जाएगी।
इसके समाधान के रूप में अपने एक्वेरियम के पानी के तापमान को 26-30 डिग्री सेल्सियस पर सेट कर दें। आप इसको ठीक करने के लिए कॉपर युक्त इच की दवाओं का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
स्विम ब्लैडर डिजीज– आपकी रेड पैरेट मछली स्विम ब्लैडर डिजीज की भी शिकार हो सकती है। यह तब हो सकता है जब मछली कुछ ऐसा खा ले जिससे उनका स्विमब्लैडर पर ख़राब असर हो जाये। इस बीमारी में आपकी मछली असामान्य स्थिति में टैंक के ऊपरी हिस्से में या इसके किनारे तैरते हुए दिखाई देगी।
इसका उपचार यह है की कुछ हफ्तों के लिए उन्हें ब्लडवर्म और ब्राइन श्रिम्प जैसे समृद्ध खाद्य पदार्थ खिलाएं ताकि उन्हें तेजी से ठीक होने में सहायता मिले। अगर इससे बीमारी ठीक नहीं होती हो तो दिन में दो बार मछली को २० मिनट तक के लिए इप्सम साल्ट बाथ दें।
स्ट्रेस स्पॉट डिजीज– यह बीमारी मुख्यतः मछली को तनाव की वजह से होती है। तनाव का कारण दूसरी मछली द्वारा इस पर हमला करना , पानी की गुणवत्ता ख़राब होना या एक्वेरियम ज़रूरत से ज़्यादा मछलियाँ होना है।
इसका उपचार है मछली को एक्वेरियम में छुपने की पर्याप्त जगह मुहैया कराना, दूसरी मछलियों (जो इनपर हमला कर सकती हो) को इनसे अलग करना, और अपने एक्वेरियम के पानी को साफ़ रखना।