रोज़ी बार्ब- टैंक, आकार, जीवनकाल और देखभाल
रोज़ी बार्ब (rosy barb) एक लोकप्रिय मछली है जो की समूह में रहना पसंद करती हैं और समूह में रहकर एक्वेरियम की शोभा बढाती हैं। इनका वैज्ञानिक नाम पुनटीयस कंचोनियस है। यह खूब रंग बिरंगे किस्मो में आती हैं जिन्हे साथ देख कर अति प्रसन्नता होती है। इन्हे जब बड़े समूहों में रखा जाता है, तो ये एक्वैरीयम में गुलाबी रंग की एक सुंदर झिलमिलाहट पैदा करने के लिए जानी जाती हैं।
रोज़ी बार्ब मछली (rosy barb fish) के कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
वैज्ञानिक नाम | पुनटीयस कंचोनियस |
कहाँ पायी जाती है | यह दक्षिण एशिया के कई देशों में पायी जाती हैं |
आकार | व्यस्क 2.5 से 6 इंच |
कुल सामान्य उम्र | पांच साल |
रंग | लाल, गुलाबी, सुनहरा इत्यादि |
स्वभाव | शांतप्रिय |
तापमान | 17 से 23 डिग्री सेल्सियस या 64 से 72 डिग्री फारेनहाइट |
पी एच | 6 से 8 |
देखभाल का स्तर | आसान |
आहार | शाकाहारी एवं मांसाहारी |
रोज़ी बार्ब मछली मूल कहाँ से आयी है
मूल रूप से, रोज़ी बार्ब्स मछली दक्षिणी एशिया के कई देशों में पायी जाती हैं। यह काफी मात्रा में भारत और बांग्लादेश में भी पाए जाते हैं। इनकी जंगली प्रजाति भी पायी जाती हैं। रोज़ी बार्ब्स मछलियां लम्बे समय से एक्वेरियम व्यापर का हिस्सा हैं जिसे लोग काफी समय से पालते आ रहे हैं। यही वजह है की इनकी जंगली प्रजाति भी विकसित हुई है। इनकी कुछ प्रजातियां ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर और मैक्सिको जैसे देशों में भी पाई जाती है।
रोज़ी बार्ब मछली का औसतन आकार और जीवनकाल
बाजार में बेचे जाने वाले अधिकांश रोज़ी बार्ब्स मछली आकार में लगभग दो इंच के होते हैं। यह कभी-कभी नए लोगो को यह सोचने के लिए बाधित करता है कि रोज़ी बार्ब्स सिर्फ छोटे छोटे ही होते हैं, जो की तथ्य से दूर की बात है।
रोज़ी बार्ब्स के व्यस्क हो जाने पर औसत रोज़ी बार्ब का आकार लगभग 6 इंच तक लंबा होता है। हालाँकि, आम तौर पर, आप इसे परिपक्व मान सकते है जब वे 2.5 इंच तक लंबे हो जाएँ।
रोज़ी बार्ब्स काफी सहनशील प्रजाति की मछली होती है इसलिए इन्हे काम जानकार लोग भी पाल लेते हैं, हालाँकि, यह प्रजाती खराब पानी की स्थिति और देखभाल की कमी पर नकारात्मक प्रतिक्रिया भी कर सकते हैं। वे बीमारी और तनाव का अनुभव कर सकते हैं, जो उनके जीवनकाल को काफी कम कर देता है। इससे बचने के लिए, सर्वोत्तम संभव देखभाल करना महत्वपूर्ण है। सिर्फ प्रजाती की सहनशीलता पर यह तय करना की इन्हे देखभाल की ज़रुरत नहीं है, ऐसा सोचना गलत होगा।
अगर देखभाल की गुणवत्ता अच्छी हो तो सामान्य रोज़ी बार्ब का जीवनकाल लगभग 5 वर्ष तक का होता है।
रोज़ी बार्ब मछली दिखने में कैसी होती है
अगर रोज़ी बार्ब्स मछलियों की तुलना बाकी मछलियों से की जाये तो यह कहा जा सकता है की यह दिखने में सामान्य होती हैं। यह दिखने में काफी सरल होती हैं। इनके पास विशिष्ट चिह्न या बाकी विदेशी मछलियों की तरह बहुत अधिक असाधारण विशेषताएं नहीं होती हैं।
लेकिन जब यह समूह में आती है तो देखने में अति सुन्दर लगती हैं। अतः आप जब भी इन्हे रखें समूह में रखें। ऐसा करने से आपका एक्वेरियम रोज़ी बार्ब्स मछलियों से भरा काफी सुन्दर दिखाई देगा।
इस मछली का शरीर चौड़ा और टारपीडो के आकार का होता है। पूंछ में एक गहरा निशान होता है जबकि पीठ और गुदा के पंख छोटे छोटे होते हैं। इनके पंख पारदर्शी होते हैं और शरीर के रंग के समान होते हैं। हालाँकि, अधिकांश मछलियों में कुछ सूक्ष्म काला किनारा भी होता है।
नर और मादा के रंगो में अंतर होता है। नर आमतौर पर लाल या गुलाबी रंग के होते हैं जबकि मादाओं का रंग अधिक मंद होता है। आमतौर पर, वे सुनहरे या चांदी के रंग की तरह होती हैं। कुछ प्रजातियों के शरीर पर एक काली बिंदी भी होती है। यह पूंछ के करीब शरीर के पिछले हिस्से पर होता है।
रोज़ी बार्ब मछली का स्वभाव
रोज़ी बार्ब्स शांतिपूर्ण और गैर-आक्रामक मछलिया होती हैं। जब वे अकेले होती हैं या जब उन्हें नए वातावरण में प्रवेश कराया जाता है, तो वे थोड़ी शर्मीली हो सकती हैं। हालाँकि जब इन्हे समूह में रखा जाता है तन यह जल्दी आत्मविश्वास में आ जाती हैं और सुरक्षित महसूस करती हैं।
रोज़ी बार्ब्स को कभी कभी फिन निप्पिंग करते भी देखा गया है। फिन निपिंग का अर्थ है दूसरी मछलियों के पूँछ पर चोट करना। रोज़ी बार्ब्स को लम्बी पूंछ वाली मछलियों का पीछा करने की बुरी आदत है। रोज़ी बार्ब्स शक्तिशाली तैराक हैं, जो इन्हे इस विधि में और निपुण बनाता है।
लेकिन जब ये मछलियां एक समूह का हिस्सा होती हैं तब फिन निपिंग या नकारात्मक गतिविधियों में इनका कम से कम योगदान होता है।
रोज़ी बार्ब्स मछली की देखभाल
एक्वेरियम कैसा होना चाहिए
जब आप अपने रोज़ी बार्ब्स के लिए सही टैंक का चयन कर रहे हों, और यदि आपको इन्हे समूह में रखना है आपके एक्वेरियम या टैंक की क्षमता 75 लीटर तक का हो तो यह अति उत्तम है। जब आप रोज़ी बार्ब्स के लिए टैंक बना रहे हों तो ध्यान रहे की आप एक मछली की नहीं जबकि कई मछलियों की ज़रूरतों का ध्यान रख रहें है , ज्ञांत हो की इन्हे समूह में रखना ही सही है।
एक्वेरियम जितना बड़ा होता है उतना ही मछलियों को घूमने का और स्वछंद विकसित होने का मौका मिलता है।
रोज़ी बार्ब्स एक अच्छी तरह से सजाए गए एक्वेरियम के वातावरण को पसंद करती हैं। यह काफी जिज्ञासु और चंचल होती है। नतीजतन, सजावटी वस्तुओं से सजा टैंक होने से आपकी मछली को समृद्ध और खुश रखने में काफी मदद मिलेगी।
एक्वेरियम के निचले सतह पर सब्सट्रेट या जलोढ़ मिट्टी को लगाएं। ऐसा करने से आपको पौधे लगाने में आसानी होगी। यह मछलियां एक्वेरियम के मध्य में या ऊपरी सतह पर ज़्यादा समय व्यतीत करना पसंद करती हैं। ये मछलियां पौधों को नुक्सान पहुंचाने में भी माहिर होती हैं इसलिए ये सुनिश्चित करें की जो भी पौधे आप लगाएं वह मज़बूती के साथ गड़े हों।
ये मछलियां पौधों में छुपती हैं और ऐसा करके सुरक्षित महसूस करती हैं। आप अपने एक्वेरियम में गुफा नुमा आकृति बना सकते हैं, कुछ रॉक रख सकते हैं और अन्य खिलोनो का भी इस्तेमाल कर सकते हैं जिसके अंदर बहार और इर्द गिर्द मछलियां खेलना और तैरना पसंद करती हैं।
ये मछलियां काफी अच्छी तैराक होती हैं और एक्वेरियम में ढक्कन न होने की वजह से कभी कभी इसके बाहर भी आ जाती हैं। ऐसा न हो इसके लिए एक्वेरियम को अच्छे से ढक कर रखें।
एक्वेरियम का पानी कैसा होना चाहिए
अपने प्राकृतिक वातावरण में रोज़ी बार्ब्स को आप तेज़-तर्रार नदियों और झीलों में रहते हुए पा सकते हैं। ये उष्णकटिबंधीय मछलियाँ हैं जो थोड़े गर्म पानी में रहना पसंद करती हैं। हालांकि, यह मछलियां फ्रेश पानी के एक्वेरियम में भी खुद को अच्छे से ढाल लेती हैं। अन्य प्रजातियों के विपरीत, रोज़ी बार्ब्स पानी के उतार-चढ़ाव को सहन कर लेती हैं। जब तक पानी में कोई अत्यधिक परिवर्तन नहीं होता है, तब तक ये मछलियाँ बिना किसी गंभीर समस्या के तैरती रहती हैं।
यह सुनिश्चित करें के पानी की गुणवत्ता मेन्टेन रहे। इसके लिए इन मछलियों को ऑक्सीजन युक्त पानी में रखना अति उत्तम है। ऐसा पानी रखने के लिए एक ऑक्सीजन उपकरण और एक फ़िल्टर लगाना अनिवार्य है।
ठण्ड के मौसम में ये सुनिश्चित करें की पानी का तापमान एक जैसा रहे। इसके लिए हीटर का प्रयोग अवश्य करें। पानी के तापमान में उतर चढ़ाव की वजह से मछलियों को शॉक लग सकता है और बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है जिससे की वॉर मर भी सकती हैं।
रोज़ी बार्ब्स की पानी में नाइट्रेट को झेलने की क्षमता भी काफी सराहनीय है । यह एक नए टैंक सेटअप के लिए विशेष रूप से उपयोगी है, क्योंकि आपको अपनी मछली को उनके नए एक्वेरियम में पेश करने के लिए एक पूर्ण नाइट्रोजन चक्र की प्रतीक्षा नहीं करनी पड़ती।
पानी का तापमान और PH लेवल
रोज़ी बार्ब्स इस एक्वेरियम में रह रही है उसका पानी का तापमान 17 से 23 डिग्री सेल्सियस या 64 से 72 डिग्री फारेनहाइट होना चाहिए। पानी का PH लेवल 6 से 7 के बीच होना चाहिए।रोज़ी बार्ब्स के सहनशील प्रकृति होने के बावजूद, यह सुनिश्चित करें की नियमित जल परीक्षण की जाये।
रोज़ी बार्ब्स मछली का आहार एवं भोजन
खाने से नहीं कतराएंगे रोजी बार्ब्स! वे अवसरवादी खाने वाले हैं जो टैंक में आपके द्वारा छोड़ी गई किसी भी चीज़ को स्वीकार करेंगे।
रोज़ी बार्ब्स ऐसी मछलियां हैं जो खाने से बिलकुल भी नहीं कतराती हैं। आप इन्हे जो भी खाने की चीज़ देंगे उनमे से अधिकतम चीज़े ये स्वीकार करेंगी। इन्हे मछलियों के लिए बना सूखा आहार देना अति उत्तम है।
हालाँकि, यह मछलियां सजीव, जमे हुए और फ्रीज में सुखाए गए भोजन का भी काफी आनंद लेती हैं। प्रोटीन से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे ब्लडवर्म, छोटे कीड़े, क्रस्टेशियन और नमकीन झींगा सभी अच्छे विकल्प हैं। इन सबको भी आप वैरायटी के लिए इन्हे दे सकते हैं।
ये शाकाहारी खाने को भी खाने में सक्षम होती हैं जैसे की मटर और ज़ुककिनी। मछलियों को खाना देने के २-३ मिनट बाद जब मछलियां खाने को न खा रही हो तब खाने को एक्वेरियम से बहार निकल दे। ऐसा करने से एक्वेरियम का पानी साफ़ रहेगा। दिया गया खाना यदि मछली नहीं खाती है तो वह एक्वेरियम में काफी देर तक रहकर साद जाता है जिससे की पानी की गुणवत्ता ख़राब हो जाती है।
रोज़ी बार्ब्स मछली किन मछलियों के साथ टैंक में रह सकती हैं
रोज़ी बार्ब मछलियों के साथ कई शांतिप्रिय मछलियां टैंक में रह सकती हैं। लम्बे पूँछ वाली मछलियों को इनके साथ ना रखें। शुरुआत में तकरीबन पांच रोज़ी बार्ब्स को साथ में रखें। यह मछलियां समूह में फलती फूलती हैं। अतः इन्हे अकेले ना रखें। रोज़ी बार्ब मछली के साथ, आप इन प्रजाती की मछलियों को भी रख सकती हैं, rosy barb tank mates इस प्रकार हैं:
- खुद रोज़ी बार्ब के ही साथ
- चेरी बार्ब
- ड्वार्फ गौरामी
- मौली
- नीयन टेट्रा
- सेलेस्टियल पर्ल दानिओ
- एम्परर टेट्रा
- पर्ल गौरामी
- स्वोर्डटेल फिश
- रोप फिश
- कला घोस्ट नाइफ फिश
- एम्बर टेट्रा
रोज़ी बार्ब को होने वाली बीमारियां और समाधान
इस प्रजाती की मछलियां मज़बूत मछलियों में एक मानी जाती हैं और इन्हे बिमारियों से लड़ने में काफी अच्छी इम्युनिटी भी होती है हालाँकि ख़राब देखभाल और कुछ अन्य वजहों से इन्हे भी बीमारियां होती हैं। कुछ सामान्य बीमारियां जिससे की रोज़ी बार्ब्स ग्रसित हो सकती हैं वो इस प्रकार है:
- इच या उजला धब्बा
- ड्रॉप्सी
- डैमेज
- फिन रॉट
- गिल की बीमारी
- पॉप आई बीमारी
अच्छी खबर यह है कि कुछ ओवर-द-काउंटर दवाओं के साथ रोज़ी बार्ब्स का इलाज करना संभव है। रोज़ी बार्ब्स कॉपर-आधारित दवाओं को अच्छी तरह से लेते हैं, जिससे आप इनकी समस्याओं को जल्दी से दूर कर सकते हैं।
रोज़ी बार्ब्स को बिमारियों से बचने का सबसे कारगर तरीका है के पानी की गुणवत्ता को बनाये रखे जैसे की तापमान और सफाई।